बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन
प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
अथवा
युद्धों की उत्पत्ति अथवा विकास का वर्णन कीजिए।
अथवा
युद्ध का विकास क्या है? व्याख्या कीजिए।
अथवा
युद्ध के ऐतिहासिक विकास पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
मानव जीवन में युद्ध का वही महत्व है जो नारी के जीवन में मातृत्व का। यह अटूट सत्य है कि संघर्ष मानव की मूल प्रवृत्ति रही है। इतिहास गवाह है कि सभ्यता और संस्कृति की उत्पत्ति के साथ ही युद्ध होते रहे हैं। युद्ध में समाज का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। युद्ध की विभिषिका से इतिहास बनते चले आ रहे हैं।
रेमण्ड फांसाडेक के कथनानुसार- "यह कहना निःसन्देह सुरक्षित है कि मानव जाति को अपने लम्बे इतिहास की आधे से अधिक त्रासदियों को मात्र इसलिए झेलना पड़ा क्योंकि मानव अपनी विरोधताओं तथा शत्रुता को सुलझाने के लिए साधन के रूप में युद्ध के अतिरिक्त कोई अन्य साधन ढूंढ पाने में असफल रहा। "
इतिहास के अध्ययन से यह ज्ञात होता है कि सभ्यता के प्रारम्भिक चरण में मानव अपने भरण-पोषण के लिए शिकार किया करता था और इसमें व्यवधान पहुंचाने वाले के विरुद्ध उसने अस्त्रों का प्रयोग किया है। पुनः राज्य राष्ट्र प्रणाली के प्रादुर्भाव के साथ वह व्यक्तिगत संघर्ष अपनी परिधि से बाहर आकर राज्य से राष्ट्र के मध्य तक फैल गया।
प्राचीन काल तथा आधुनिक काल के दो बिन्दुओं को केन्द्र मानकर जब आगे बढ़ते हैं तो युद्धों के अनेकों कारणों का सामना होता है, जिसमें राजनीतिक उद्देश्य सर्वप्रमुख कारण रहा है। यहाँ तक कि क्लाजविट्स ने युद्धों के कारण को राजनीति से सम्बद्ध करते हुए राजनीति को ही युद्ध की जननी मान लिया है।
आधुनिक युद्धों के विकास का अध्ययन करने के लिये मानव सभ्यता के उत्पत्ति से प्रारम्भ हुए युद्धों के इतिहास का निम्न प्रकार से काल विभाजन किया जा सकता है-
1. जागीरदारों अथवा सांमतों द्वारा लड़े गये युद्धों का काल (Period of fidol war's)
2. राजवंशी युद्ध काल (Period of Dynastic war's)
3. जनतंत्रीय युद्ध कला (Period of peoples war ) -
4. पूर्ण युद्धों का काल (Period of total war)
5. परमाणु तथा शीत युद्धकाल (Period of Nuclear and Cold war )
1. जागीरदारों अथवा सांमतों द्वारा लड़े गये युद्धों का काल इस प्रकार के युद्धों का काल 1492-1648 ई० के मध्य माना जाता है। इस काल में जागीरदारों तथा सामन्तों का प्रभाव काफी विस्तृत था। चूँकि राज्य की जनता के जीवकोपार्जन का प्रमुख स्रोत कृषि कार्य था। अत: उन्हें खेती करने के लिए कृषि योग्य भूमि जागीरदारों तथा सामन्तों द्वारा प्रदान की जाती थी। जागीरदारों अथवा सामन्तों से प्राप्त भूमि पर कृषि कार्य करने वालों को आवश्यकतानुसार इनकी ओर से युद्ध के समय युद्ध कार्य के लिए तैयार भी रहना पड़ता था।
इस काल में धर्म को विशिष्ट महत्ता प्राप्त थी। जब कभी धार्मिक भावना की अवमानना हुई अथवा नैतिक आधारों पर चोट पहुंची, तब-तब युद्ध लम्बी अवधि तक चले और इन्होंने गम्भीर रूप धारण कर लिया। इस काल में ऐसा कोई नियम ऐतिहासिक साक्ष्यों में दृष्टिगोचर नहीं होता जो युद्धों को नियन्त्रित कर सके।
2. राजवंशीय युद्ध काल राजवंशीय युद्धों का काल 1648 ई० से 1781 ई० तक माना जाता है। इस काल में स्थायी सेनाओं की महत्ता को समझा जाने लगा था। अतः राजाओं ने अपने-अपने राज्यों की सुरक्षा के लिए छोटी-छोटी स्थायी सेनाओं को रखना प्रारम्भ किया। स्थायी सेनाओं की आवश्यकता की पूर्ति के लिए जनता से विभिन्न प्रकार के कर लिये जाते थे। यद्यपि इस काल में युद्ध का स्वरूप परिवर्तित हो गया था किन्तु युद्ध निरन्तर चलते रहे। सामान्य नागरिकों पर युद्ध का ऐसा प्रभाव नहीं पड़ता था जिससे उनके व्यवसाय अथवा जीवकोपार्जन के मार्ग में कोई अवरोध पैदा हो। इसी कारण युद्धों की भयावहता में कमी आ गई थी तथा इस काल के युद्ध सीमित ढंग के हो गये थे। उल्लेखनीय है कि राजवंशीय युद्ध काल में लूटमार तथा असभ्य और असीमित युद्धों के स्थान पर सभ्य और सीमित ढंग के युद्धों की अधिकता थी।.
3. जनतंत्रीय युद्ध काल जनतंत्रीय युद्धों का काल 1789-1914 ई० तक माना जाता है। राजवंशीय युद्ध काल में स्थायी एवं वेतनभोगी सेनाओं द्वारा लड़े जाने वाले युद्धों का विश्लेषण करने के बाद अनेक युद्ध विशारदों ने 10वीं शताब्दी के युद्धों की कटु आलोचना की। युद्ध विशारदों ने इस पद्धति की महत्ता पर कुठाराघात करते हुए इस मत का प्रतिपादन किया कि अपनी सैन्य एवं लड़ाकू क्षमता में वृद्धि लाने के लिए यह आवश्यक है कि राष्ट्र के सम्पूर्ण नागरिक अथवा जनता देशप्रेम की को भावना से ओत-प्रोत होकर युद्ध में भाग लें। वास्तव में इस काल में फ्रांस की क्रान्ति ने युद्ध साधारण जनता का एक अनिवार्य विषय बना दिया।
4. पूर्ण युद्धों का काल- दोनों विश्व युद्धों ( 1914-1945) के काल को पूर्ण युद्धों के काल के नाम से जाना जाता है। इस काल में विनाशक शस्त्रों के प्रयोग के साथ युद्धरत राष्ट्रों ने खुलेआम अन्तर्राष्ट्रीय नियमों एवं संविधान की अवहेलना की। युद्ध को नियन्त्रित करने के सभी समझौते और संधिया कागज के टुकड़े की भांति प्रभावहीन साबित हुई। क्लोरीन और फॉसजीन जैसी गैसों का प्रयोग करने के अतिरिक्त औद्योगिक क्षेत्रों को हवाई बमबारी द्वारा इस स्तर तक तहस नहस किया गया, जैसा इतिहास ने इससे पूर्व कभी नहीं देखा था।
आधुनिक वैज्ञानिक विकास ने आधुनिक युद्धों को पूर्ण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हवा से भी व्रीव गति से उड़ान भरने वाले वायुयानों ने तो युद्ध का स्वरूप त्रिदिशात्मक (Three Dimensinal) कर दिया। अब युद्धरत राष्ट्रों का लक्ष्य मात्र सशस्त्र सेनाओं को नष्ट करना ही नहीं था बल्कि, उसके आर्थिक एवं सामाजिक ढांचे को तहस-नहस करके उसे निष्क्रिय सा बना देना था जिससे वह पुन: टकराने का साहस न कर सके।
यही नहीं युद्ध प्रारम्भ होने से पूर्व संघर्षरत राष्ट्र एक-दूसरे की जनता का मनोबल गिराने का भी हर सम्भव प्रयास करते हैं। इस काल के युद्धों की क्रूरता का अन्दाजा इस कथन से लगाया जा सकता है- " आधुनिक पूर्ण युद्ध क्रूरता की पुनरावृत्ति है और इसे दोबारा लाने वाले भी असभ्य जातियों से कम क्रूर नहीं है। उनकी क्रूरता तो सम्भवतः और अधिक है क्योंकि ये लोग वैज्ञानिक रीति वाले क्रूरतावादी है।"
5. परमाणु तथा शीत युद्ध काल - द्वितीय विश्व युद्ध में परमाणु बम के प्रयोग से युद्ध की विभीषका में एक नया अध्याय जुड़ गया। इन परमाणु बमों के प्रयोग ने यह स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में यदि परमाणु ऊर्जा का उपयोग पुनः युद्ध में किया गया तो धरती से जीवन सदा के लिये विलुप्त हो जायेगा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विनाशकारी शस्त्रों की खोज एवं विकास में इतनी बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
आज विनाशकारी शस्त्रों के निर्माण के साथ सभ्यता इस चरम सीमा पर पहुँच गई है कि मानव के साथ ही उसकी सबसे बड़ी शत्रुता है। नित्य नये शस्त्रास्त्रों का निर्माण भावी युद्धों की विनाशकता तथा भयावहता को बल प्रदान कर रहे हैं।
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- प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
- प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
- प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
- प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
- प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
- प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
- प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
- प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
- प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
- प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
- प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
- प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
- प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।